ए जिंदगी सुन तू क्या रोब दिखाती है
इतराती हुई मुझ पर हंसी चली आती है
परेशानियों के हालात पैदा करती है
मेरी हर मंजिल को मुझसे दूर करती है
पर ना जाने तू क्यों भूल जाती है
मेरी सांसो से तू हरदम जुड़ी रहती है
रहम ना कर मुझ पर तू जितनी सख्त होती है मेरी चमक उतनी बड़ी चली जाती है
तू ही तो मुझको खुद के लायक बनाती है
ए जिंदगी सुन तू क्या रोब दिखाती है
P_NRAJPUT
हज़ार ख्वाहिशों का
बोझ लिए चलते हैं,
दिल में गम है मगर
खुशियों की खोज लिए चलते हैं।
पता है कि लोग मज़े लेते हैं
हमारी मजबूरियों का
इसलिए अपने चेहरे पर
मुस्कुराहटों की मौज लिए चलते हैं।।
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