आज फ़िर वो कसमों - बादो की दुहाई दे गए, मोहब्बत का | हिंदी शायरी

"आज फ़िर वो कसमों - बादो की दुहाई दे गए, मोहब्बत का वादा करके ताउम्र की तनहाई दे गए... ताज्जुब नहीं हुआ मुझे उनके यू चले जाने से, शायद कसमों - बादो में भी लोट आने की गुंजाइश दे गए... इत्तेफ़ाक़ रखता हूं मै उनके हर एक बादे से , शायद ये सोच कर कि गए है वो लोट आने के इरादे से... अब ज़िन्दगी गुज़र जाएंगी ,उन कसमों-बादो के सहारे... शायद कभी लौट आए वो उन्हें निभाने के बहाने.... आवारा।"

 आज फ़िर वो कसमों - बादो की दुहाई दे गए,
मोहब्बत का वादा करके ताउम्र की तनहाई दे गए...

ताज्जुब नहीं हुआ मुझे उनके यू चले जाने से,
शायद कसमों - बादो में भी लोट आने की गुंजाइश दे गए...

इत्तेफ़ाक़ रखता हूं मै उनके हर एक बादे से ,
शायद ये सोच कर कि गए है वो लोट आने के इरादे से...

अब ज़िन्दगी गुज़र जाएंगी ,उन कसमों-बादो के सहारे...
शायद  कभी लौट आए वो उन्हें निभाने के बहाने....


आवारा।

आज फ़िर वो कसमों - बादो की दुहाई दे गए, मोहब्बत का वादा करके ताउम्र की तनहाई दे गए... ताज्जुब नहीं हुआ मुझे उनके यू चले जाने से, शायद कसमों - बादो में भी लोट आने की गुंजाइश दे गए... इत्तेफ़ाक़ रखता हूं मै उनके हर एक बादे से , शायद ये सोच कर कि गए है वो लोट आने के इरादे से... अब ज़िन्दगी गुज़र जाएंगी ,उन कसमों-बादो के सहारे... शायद कभी लौट आए वो उन्हें निभाने के बहाने.... आवारा।

#DesertWalk #writer #SAD #shyari #Hindi #Quote @Meghna kapoor(Rajput) सुुमन कवयित्री 🌹Adhoori Khwahish🌹 @Deepshikha Shekhawat साहित्य गंगा

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