आज फ़िर वो कसमों - बादो की दुहाई दे गए,
मोहब्बत का वादा करके ताउम्र की तनहाई दे गए...
ताज्जुब नहीं हुआ मुझे उनके यू चले जाने से,
शायद कसमों - बादो में भी लोट आने की गुंजाइश दे गए...
इत्तेफ़ाक़ रखता हूं मै उनके हर एक बादे से ,
शायद ये सोच कर कि गए है वो लोट आने के इरादे से...
अब ज़िन्दगी गुज़र जाएंगी ,उन कसमों-बादो के सहारे...
शायद कभी लौट आए वो उन्हें निभाने के बहाने....
आवारा।
#DesertWalk #writer #SAD #shyari #Hindi #Quote @Meghna kapoor(Rajput) सुुमन कवयित्री 🌹Adhoori Khwahish🌹 @Deepshikha Shekhawat साहित्य गंगा