कि वो जो अपना सर झुकाए बैठे हैं।
लगता है चैन सकूँ सब गवाए बैठे हैं।।
ख़ामोश लव और उनकी आँखों में नमी।
लगता है कस के चोट खाए बैठे हैं।।
लगता है दिल पर चोट खाए बैठे हैं।।
©ब्राह्मण आशीष उपाध्याय
कि वो जो अपना सर झुकाए बैठे हैं।
लगता है चैन सकूँ सब गवाए बैठे हैं।।
ख़ामोश लव और उनकी आँखों में नमी।
लगता है कस के चोट खाए बैठे हैं।।
लगता है दिल पर चोट खाए बैठे हैं।।
#vद्रोही
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