अजीब दास्तां है ये ना जाने ये कैसी दोस्ती हुई, ना | हिंदी कविता

"अजीब दास्तां है ये ना जाने ये कैसी दोस्ती हुई, ना कभी देखा.. ना ही कभी मिला, फिर भी दोस्ती ऐसी हो गयी.. जैसे बिन बादल के बारिश हो गयी, चलो जब ये दोस्ती बिन जाने और बिन देखे अब हो गयी.. तो बिन बादल के बूँदो को देखने की तमन्ना भी हो गयी, जब देखने, जानने की तमन्ना हुई.. तो फिर वो भाव खाने लगी, अब उन्हे हम क्या कहें.. मिलना और देखना तो सिर्फ बहाना है, सच कहे तो मुझे आपसे दोस्ती करके दिल लगाना है। Mr. Negative ✍️✍️"

 अजीब दास्तां है ये  ना जाने ये कैसी दोस्ती हुई,
ना कभी देखा..
ना ही कभी मिला,
फिर भी दोस्ती ऐसी हो गयी..
जैसे बिन बादल के बारिश हो गयी,
चलो जब ये दोस्ती बिन जाने और बिन देखे अब हो गयी..
तो बिन बादल के बूँदो को देखने की तमन्ना भी हो गयी,
जब देखने, जानने की तमन्ना हुई..
तो फिर वो भाव खाने लगी,
अब उन्हे हम क्या कहें..
मिलना और देखना तो सिर्फ बहाना है,
सच कहे तो मुझे आपसे दोस्ती करके दिल लगाना है।
Mr. Negative ✍️✍️

अजीब दास्तां है ये ना जाने ये कैसी दोस्ती हुई, ना कभी देखा.. ना ही कभी मिला, फिर भी दोस्ती ऐसी हो गयी.. जैसे बिन बादल के बारिश हो गयी, चलो जब ये दोस्ती बिन जाने और बिन देखे अब हो गयी.. तो बिन बादल के बूँदो को देखने की तमन्ना भी हो गयी, जब देखने, जानने की तमन्ना हुई.. तो फिर वो भाव खाने लगी, अब उन्हे हम क्या कहें.. मिलना और देखना तो सिर्फ बहाना है, सच कहे तो मुझे आपसे दोस्ती करके दिल लगाना है। Mr. Negative ✍️✍️

#dastaan #Friendship
सोशल मीडिया वाली दोस्ती 🤩🤩💕

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