World Poetry Day 21 March विश्व कविता दिवस
मैं नहीं कहती स्वयं को कवयित्री
न ही लिखती हूं दुनिया के लिए
कविता तप है, साधना है
और मैं हूं साधिका..,
नित-प्रति करती हूं यह साधना
स्वयं के शुद्धिकरण के लिए
कविता वरदान है न सिर्फ कवि के लिए
अपितु उसे पढ़ने वाले के लिए भी।
©Yaminee Suryaja
#WorldPoetryDay