तारे पिरो के पाजेब में रखूँगा, दुनिया जीत के जेब म | हिंदी शायरी

"तारे पिरो के पाजेब में रखूँगा, दुनिया जीत के जेब में रखूँगा, शाम का रंग तेरे जैसा, हर शाम तेरे साथ खुशी से देखूँगा, जितनी खूबसूरत चीजें दुनिया में, हर चीज़ पीछे तेरा नाम लगेगा, मेरी आँखों को लगता सूरज, तेरी जुल्फों की ओट ले लूँ, कितना सुंदर तेरा माथा, माथे को जरा चूम लूँ, मेरे हाथों से रोज सवेरे सिंदूर, तेरे माँग पर जान खूबसूरत लगेगा, तुझे एक नजर नहीं कोई देख सकता, देखने वाला मुड़ के फिर देखेगा, बस तुझको देखे जाने दे, मेरा दिल कहता बाकी काम फिर देखूँगा, नैन नशीले नशा कर गए, नशा कर गए हल्का हल्का, नशा कर गए नैन तेरे, माशाल्लाह नैन जीते रहे तेरे, जिसकी बात करे गान्नू कविता में, उसका क्या जिक्र करूं सुनो फिर, समंदर माथा टेके उसको मिट्टी लगे पैरों पर, लोग उससे हाथ मिलाने को फिरते हैं, वो नजर नहीं रखती गैरों पर..!!! ©Gannudiary"

 तारे पिरो के पाजेब में रखूँगा,
दुनिया जीत के जेब में रखूँगा,
शाम का रंग तेरे जैसा, 
हर शाम तेरे साथ खुशी से देखूँगा,
जितनी खूबसूरत चीजें दुनिया में, 
हर चीज़ पीछे तेरा नाम लगेगा,
मेरी आँखों को लगता सूरज,
तेरी जुल्फों की ओट ले लूँ,
कितना सुंदर तेरा माथा,
माथे को जरा चूम लूँ,
मेरे हाथों से रोज सवेरे सिंदूर, 
तेरे माँग पर जान खूबसूरत लगेगा,
तुझे एक नजर नहीं कोई देख सकता,
देखने वाला मुड़ के फिर देखेगा,
बस तुझको देखे जाने दे,
मेरा दिल कहता बाकी काम फिर देखूँगा,
नैन नशीले नशा कर गए,
नशा कर गए हल्का हल्का,
नशा कर गए नैन तेरे,
माशाल्लाह नैन जीते रहे तेरे,
जिसकी बात करे गान्नू कविता में,
उसका क्या जिक्र करूं सुनो फिर,
समंदर माथा टेके उसको मिट्टी लगे पैरों पर,
लोग उससे हाथ मिलाने को फिरते हैं,
वो नजर नहीं रखती गैरों पर..!!!

©Gannudiary

तारे पिरो के पाजेब में रखूँगा, दुनिया जीत के जेब में रखूँगा, शाम का रंग तेरे जैसा, हर शाम तेरे साथ खुशी से देखूँगा, जितनी खूबसूरत चीजें दुनिया में, हर चीज़ पीछे तेरा नाम लगेगा, मेरी आँखों को लगता सूरज, तेरी जुल्फों की ओट ले लूँ, कितना सुंदर तेरा माथा, माथे को जरा चूम लूँ, मेरे हाथों से रोज सवेरे सिंदूर, तेरे माँग पर जान खूबसूरत लगेगा, तुझे एक नजर नहीं कोई देख सकता, देखने वाला मुड़ के फिर देखेगा, बस तुझको देखे जाने दे, मेरा दिल कहता बाकी काम फिर देखूँगा, नैन नशीले नशा कर गए, नशा कर गए हल्का हल्का, नशा कर गए नैन तेरे, माशाल्लाह नैन जीते रहे तेरे, जिसकी बात करे गान्नू कविता में, उसका क्या जिक्र करूं सुनो फिर, समंदर माथा टेके उसको मिट्टी लगे पैरों पर, लोग उससे हाथ मिलाने को फिरते हैं, वो नजर नहीं रखती गैरों पर..!!! ©Gannudiary

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