Men walking on dark street जान कर सब कुछ अंजान बैठ | हिंदी Poetry

"Men walking on dark street जान कर सब कुछ अंजान बैठा हूँ, देखो मैं नादान बैठा हूँ. "तुम भी ना भूषण अपने आप को क्या समझते हो"; तुम चाहते हो बिन कहे दुनिया सब समझे,,, ऐसे कैसे. यहां कहीं बात ना कोई समझे,,, और तुम मन की बात समझाने बैठे हो तुम बस नादान ही हो बैठे हो.. ... ©Ankit Bhushan (Niku)"

 Men walking on dark street जान कर सब कुछ अंजान बैठा हूँ,
देखो मैं नादान बैठा हूँ.
"तुम भी ना भूषण अपने आप को क्या समझते हो";

तुम चाहते हो बिन कहे दुनिया सब समझे,,,

ऐसे कैसे.
 यहां कहीं बात ना कोई समझे,,,
और तुम मन की बात समझाने बैठे हो
तुम बस नादान ही हो बैठे हो..
...

©Ankit Bhushan (Niku)

Men walking on dark street जान कर सब कुछ अंजान बैठा हूँ, देखो मैं नादान बैठा हूँ. "तुम भी ना भूषण अपने आप को क्या समझते हो"; तुम चाहते हो बिन कहे दुनिया सब समझे,,, ऐसे कैसे. यहां कहीं बात ना कोई समझे,,, और तुम मन की बात समझाने बैठे हो तुम बस नादान ही हो बैठे हो.. ... ©Ankit Bhushan (Niku)

#Emotional

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