मुकम्मल हुई ख्वाहिश, मुलाकात की सोचा था होगी कदर, | हिंदी Shayari

"मुकम्मल हुई ख्वाहिश, मुलाकात की सोचा था होगी कदर, मेरे जज़्बात की आगे क्या बोलता तुम्ही बताओ यारो जब उसने शुरू, गैरों कि बात की ©arsh mansuree"

 मुकम्मल हुई ख्वाहिश, मुलाकात की
सोचा था होगी कदर, मेरे जज़्बात की
आगे क्या बोलता तुम्ही बताओ यारो
जब  उसने  शुरू,  गैरों  कि  बात की

©arsh mansuree

मुकम्मल हुई ख्वाहिश, मुलाकात की सोचा था होगी कदर, मेरे जज़्बात की आगे क्या बोलता तुम्ही बताओ यारो जब उसने शुरू, गैरों कि बात की ©arsh mansuree

#UskePeechhe

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