झूठ से सच से जिससे भी यारी रखें, आप बस अपनी तक़रीर | हिंदी शायरी
"झूठ से सच से जिससे भी यारी रखें,
आप बस अपनी तक़रीर जारी रखें
इन दिनों आप मालिक हैं बाजार के,
जो भी चाहें वो कीमत हमारी रखें
बात मन की कहें या वतन की कहें
झूठ बोलें तो आवाज़ भारी रखें
– राहत इन्दोरी"
झूठ से सच से जिससे भी यारी रखें,
आप बस अपनी तक़रीर जारी रखें
इन दिनों आप मालिक हैं बाजार के,
जो भी चाहें वो कीमत हमारी रखें
बात मन की कहें या वतन की कहें
झूठ बोलें तो आवाज़ भारी रखें
– राहत इन्दोरी