वो सपनें जो बनकर उड़ते हैं
फिजाओं में हवाओं में
वो अपने जो साथ रहते हैं
मन में और दिलों में वास करते हैं
सपने टूट जाए और अपने रूठ जाए
उन सपनों का क्य़ा
और अपनों का क्या
सब रिश्ते टूट जाते हैं
और हम तन्हा रहते हैं
जिंदगी के रिश्ते टूट जाते हैं
©Yogi Raj Bharti
life 2