फुरसत मिले तो, कभी
हाल ऐ दिल, सुनाना
बेबज़ह यूँही अब सिंगल होने का
बहाना मत बनाना
खुदा क़सम तबियत ख़ुश कर देंगें,
बस एक वार इस
कलम की धार को आजमाना,
हो सके तो बस इन शब्दों का जबाब,
अपने शब्दों से ही देके जाना,
साहब कलम मे दम हो, तो, कोइ
एक शख़्स क्या, झूमने लग जाये
पूरा जमाना
बस तुम तो सिर्फ एकवार
वीर कहके बुलाना
तेरे लिये जैसा था, बैसा ही मिलेगा
तेरा ये दीवाना ... वीर
©VEER BHAN
#mohabbat