तुमने जबसे कविता पढ़ना छोड़ दिया,
हमने भी उन्हें तुम पर लिखना छोड़ दिया,
जब से तुमने बंद किया मेरी बातें सुनना
मैंने खुद से भी बातें करना छोड़ दिया
बंद किया जो पीछे मुड़के जो शर्माना
हमने तुम्हारा पीछा करना छोड़ दिया,
जब से छज्जे पे बाल सुखाना बंद किया,
तेरी गली से हमने गुजरना छोड़ दिया
जब से हाथ खींचे हैँ मेरे तूने मेरे गालों से,
मेरी भी आँखों ने बरसना छोड़ दिया,
तुझे सोच के बस कभी ये मुस्का जाते है,
तेरे बाद इन लबों ने हंसना छोड़ दिया,
मेरे यारों ने ही संभाल के रखा मुझको है
पर भाभी वाले ताने कसना छोड़ दिया,
तुम अपने ऊपर गिला ना लेना कोई भी,
जग से कहना उसने हमको छोड़ दिया
©Abhinav Shrivastava
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