White चलो आज तुम्हें
खुद से रूबरू कराता हु..
आज अपनी पहचान
खुल कर दिखाता हु...
मैरी हस्ती को मिटाने चले हो
सोज का कारवा दिखाता हु..
मे राधा के विरह मे हूँ
मोहन की मदुर
मुरली की धुन मे हूँ
हाँ मे सोज हूँ...
मे प्रेम मे हूँ
मे वियोग मे हूँ
हाँ मे सोज हूँ...
कभी इम्तिहान मे
हारा हुआ हूँ
कभी वक़्त का मारा हुआ हूँ
हाँ मे सोज हूँ...
कभी अपनों के तानो मे हूँ
कभी बे गानो के तंज मे हूँ
हाँ मे सोज हूँ...
कभी भाई भाई के
बटवारे मे हूँ
कभी टूटते रिस्तो मे हूँ
हाँ मे सोज हूँ...
कभी पिता के छुटते
आँगन मे हूँ...
कभी माँ के टूटते
विस्वास मे हूँ
हाँ मे सोज हूँ....
दोस्तों के विस्वास घात मे हूँ
मतलबी लोगो के रिस्तो मे हूँ
हाँ मे सोज हूँ...
तुम जरा देखो मुझे मे
तुम्हारे भी आस पास हूँ
हाँ मे सोज हूँ (दर्द )
©JitendraSHARMA (सोज़)
#Sad_shayri