"अब वो पुराने रास्ते नहीं मिलते,
कभी उन रास्तों पर इक क़तार में खड़े रहते थे जो,
अब वो पुराने शजर नहीं मिलते।
बस यादों में ही बाक़ी रह गया वो गुज़रे ज़माने का कारवाॅं,
अब गुज़रे ज़माने के वो लोग नहीं मिलते,
अब गुज़रे ज़माने के वो सुकून भरे घर नहीं मिलते।
©Sh@kila Niy@z"