रात है तन्हाई है और कुछ तारे हैं तेरे हिज्र में पा | हिंदी शायरी
"रात है तन्हाई है और कुछ तारे हैं
तेरे हिज्र में पागल हम बेचारे हैं।
दिल के तैखाने में कुछ सन्नटा है
इस खामोशी ने ही कुछ दुख बांटा है
वैसे तो सब ठीक है आराम है अब,
मेरी ही करनी का अंजाम है सब।"
रात है तन्हाई है और कुछ तारे हैं
तेरे हिज्र में पागल हम बेचारे हैं।
दिल के तैखाने में कुछ सन्नटा है
इस खामोशी ने ही कुछ दुख बांटा है
वैसे तो सब ठीक है आराम है अब,
मेरी ही करनी का अंजाम है सब।