सच्चाई जमाने को स्वीकार नहीं, और झूठ कहने को ये दि | हिंदी Shayari

"सच्चाई जमाने को स्वीकार नहीं, और झूठ कहने को ये दिल तैयार नहीं, माना थोड़े आलसी और मनमौजी है, पर हुए अभी तक हम गुनहगार नहीं. ©Aditya Sharma"

 सच्चाई जमाने को स्वीकार नहीं,
और झूठ कहने को ये दिल तैयार नहीं,
माना थोड़े आलसी और मनमौजी है,
पर हुए अभी तक हम गुनहगार नहीं.

©Aditya Sharma

सच्चाई जमाने को स्वीकार नहीं, और झूठ कहने को ये दिल तैयार नहीं, माना थोड़े आलसी और मनमौजी है, पर हुए अभी तक हम गुनहगार नहीं. ©Aditya Sharma

#UskeHaath

People who shared love close

More like this

Trending Topic