तुम ऐसी हो तुम वैसी हो|
ना जाने कोई तुम कैसी हो||
हर दायरे में हैं तुमको रहना|
चुप होकर के गम को सहना ||
फिर भी कमी बस तुममे हैं
जानते हो क्यूँ?क्योंकि
मैं एक औरत हूँ|
हाँ हाँ मैं एक औरत हूँ||
सबका ख़्याल वो करती हैं|
अपनो के लिए वो मरती हैं||
घुट-घुट कर के वो रहती हैं
तकलीफ किसी से ना कहती हैं||
जानते हो क्यूँ?क्योंकि
मैं एक औरत हूँ
हाँ हाँ मैं एक औरत हूँ||
मर्यादा के हर बंधन में|
बस औरत को ही बंधना हैं||
चाहे कुछ हो जाये उसे|
मुँह बंद उसे बस रखना हैं||
जानते हो क्यूँ?क्योंकि
मैं एक औरत हूँ|
हाँ हाँ मैं एक औरत हूँ||
💞रश्मि💞
My life line 💋S.R💋