वक्त अच्छा या बुरा नहीं होता है
इंसान अपने ही कर्मों का फल ढोता है
ढोने को तो इंसान और भी कुछ ढोता है
मगर उसकी ढोने में मजबूरी ढोंग होती है
जरा सा आजाद करके तो देखो
इंसान के कर्मों के बंधन से
फिर देखो इंसान अपने माला में
किस-किस को पिरोता है
©ashish gupta
वक्त अच्छा या बुरा नहीं होता है
इंसान अपने ही कर्मों का फल ढोता है
ढोने को तो इंसान और भी कुछ ढोता है
मगर उसकी ढोने में मजबूरी ढोंग होती है
जरा सा आजाद करके तो देखो
इंसान के कर्मों के बंधन से
फिर देखो इंसान अपने माला में
किस-किस को पिरोता है