White मुस्तक्बिल
हर जगह मेंने अपना मन मारा है,
मैं नहीं हारा, बस मेरा वक़्त हारा है!
जाने दे क्या करेंगे शिकायतें उससे,
वो अब कंहा यार मेरा सहारा है!
मेंने रिश्तों को मजबूत करना चाहा,
उसने हर जगह मेरा अरमान मारा है!
लोग करते हैं मेरे माज़ी की शिकायत "परवेज़"
मैं तो वो हूं जो अपने ही मुस्तक्बिल से हारा है !
©Written By PammiG
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