जिंदगी तो थी, पर जीना सिखा,
तुमसे मिलने के बाद,
आईना तो था, पर खुद को देखा,
तुम्हारी आंखों में डूब जाने के बाद,
अकेला अधूरा सा था मैं,आसमान में चांद की तरह,
मुकम्मल हुआ, तुमसे चांदनी मिलने के बाद,
हर रोज सोचता हूं,कुछ लिखूं तुम्हारे लिए,
कलम रुक जाती है,तुम्हारा खयाल आने के बाद।
©Dia
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