जुदाई की तारीख़
मेरी हक़ीकत मेरे पास आ रही है।
वो तारीख़ क़रीब आती जा रही है।
ज्यों-ज्यों दिन गुजरता जा रहा है।
त्यों-त्यों मेरी फ़स्ल पे उदासी छा रही है।
कुछ भी महसूस नहीं होता उस के सिवा
इस तबियत को बस तन्हाई भा रही है।
मुद्दत का सूरज डूबता जा रहा है।
मेरी सुबह शामे-जिंदगी होती जा रही है।
फ़स्ल- मिजाज़
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©naresh_sogarwal
#Judaai #gam 🍓🍇🦚