वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता___ यहा | हिंदी Shayari

"वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता___ यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता ! ©Abdullah Ansari"

 वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता___

 यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता !

©Abdullah Ansari

वो पहले सा कहीं मुझको कोई मंज़र नहीं लगता___ यहाँ लोगों को देखो अब ख़ुदा का डर नहीं लगता ! ©Abdullah Ansari

#FindingOneself IshQ परस्त {Official}

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