बहुत कुछ नया मिला और मिलता रहेगा मगर वो जो किताबो | हिंदी Poetry

"बहुत कुछ नया मिला और मिलता रहेगा मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और उनकी महक, किताब माँगने के बहाने जो रिश्ते बनते थे वो को गए कहीं, वो जाने अब कहा होंगे...!! जानबूझ कर किताब को गिरकर उठाने के बहाने, उसे देखना जाने अब कहा होगा...!! किताबों के साथ के वो रिश्ते दोस्ती सब जाने कहा खो गई, आयेगी या नहीं लौट कर...!! ©Heer"

 बहुत कुछ नया मिला और मिलता रहेगा मगर वो जो 
किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और उनकी महक,
किताब माँगने के बहाने जो रिश्ते बनते थे वो को गए कहीं, 
वो जाने अब कहा होंगे...!! 
जानबूझ कर किताब को गिरकर उठाने के बहाने, उसे देखना
जाने अब कहा होगा...!! 
किताबों के साथ के वो रिश्ते दोस्ती सब जाने कहा खो गई,
आयेगी या नहीं लौट कर...!!

©Heer

बहुत कुछ नया मिला और मिलता रहेगा मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और उनकी महक, किताब माँगने के बहाने जो रिश्ते बनते थे वो को गए कहीं, वो जाने अब कहा होंगे...!! जानबूझ कर किताब को गिरकर उठाने के बहाने, उसे देखना जाने अब कहा होगा...!! किताबों के साथ के वो रिश्ते दोस्ती सब जाने कहा खो गई, आयेगी या नहीं लौट कर...!! ©Heer

#reading

People who shared love close

More like this

Trending Topic