"आतंकवाद आतंक जहर सा फैला है,
यह वातावरण विषैला है
पथ भ्रष्ट कर्म हैं इनके पर,
यह छितिज दूर तक मैला है
मानवता से दें जोड़ उन्हें,हों सर्व सुखी,ये विचार करें
आओ नव रवि की किरणों से, नव भारत का आगाज करें
हो"
आतंकवाद आतंक जहर सा फैला है,
यह वातावरण विषैला है
पथ भ्रष्ट कर्म हैं इनके पर,
यह छितिज दूर तक मैला है
मानवता से दें जोड़ उन्हें,हों सर्व सुखी,ये विचार करें
आओ नव रवि की किरणों से, नव भारत का आगाज करें
हो