कभी धूप तो कभी छाँव आता हैं
कभी पतझड़ सी धरती
फूलों से खिली
कभी एक हसीन सा साम आता हैं
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कभी बारिश आई कभी क़ाली घटा छाई
मौसम के इस रंग मे
एक सुनहरी सी रात आई
🩷🩷🩷
समुद् की बहेती लहरे हैं
कलियों मे तितलियों के पहेरे हैं
उड़ते हैं यहाँ पंछी बड़े सान से
मजहब है आजादी का
आसमा मे बडे प्यार से
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©manshisingh@gmail.com
#titliyan kaliya smudr ki daasta 🩷🩷🩷