तुम एक उज्ज्वल आग हो ,
तुम अंधकार में चराग हो ,
दीपक जल जाए जिसकी तान पे ,
तुम वो दीपक राग हो ।
कभी पूछो तो खुद से , मैं कौन हूँ...!!
तुम ब्रह्मांड एक अखिल हो ,
चट्टानों पर सलिल हो ,
घनघोर जंगलोंको हिला दे जो ,
तुम वो प्रचंड अनिल हो ।
कभी पूछो तो खुद से , मैं कौन हूँ...!!
तुम सीमाओंके जवान हो ,
शूरवीरों की शान हो ,
दुश्मनोंका विनाश कर दे जो ,
तुम वो मुठ्ठी में जान हो ।
कभी पूछो तो खुद से , मैं को हूँ...!!
#myvoice #KabhiPuchhoToKhudSe