"इन पैरों को तलाश है अपनी मंज़िल की,
चल पङे हैं गुज़रगाह पर, बेखबर बदमस्त
अभी कुछ सफर तय किया है, कुछ बाकी है
अभी कुछ ही दर्द सहा है, जिंदगी अभी और बाकी है
मंज़िल दूर है अभी, कुछ धुंधली सी दिखाई पङती है
थोडा तवककुफ हुए कदम मेरे, ना जाने किसके आने की उम्मीद जान पङती है!
- प्रियंका शर्मा
©Priyanka Sharma
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