ख़्वाहिश तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम!!!!
लगता है तेरी नज़र में कुछ भी नहीं है हम!!!!!
शायद.........!!!!!!!!!
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते......
इसलिए हम तुम्हें नजर नहीं आते
खुशी की आंख में आंसु की भी जगह रखना.......
बुरा जमाना मुकद्दर में पूछ कर नहीं आते।
©Ramesh Chandra Anupam
#ख़्वाहिश