खुद की तलास तू निकल
ये मत सोच गेरे की बाहों में zanta
जिस zanta की तलाश में
वो तो ma ki पेरो में हे
जिंदगी खोया तू
ओरो की रहो पर मत चल
खुद की मन की कर
तू आपने मन की रहो पर चल
ये मत सोच तू हरे गा पर
ये सोच हार के बाद जो
जीत मिले वो मज्जर केसा होगा
©sky way
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