कश्ती हर कश्ती को तूफ़ान से टकराना होता है कभी डू | हिंदी शायरी

"कश्ती हर कश्ती को तूफ़ान से टकराना होता है कभी डूबना कभी तैर जाना होता है हर कोई किनारे पर आता नहीं जो बिछड़ गया वह बेगाना होता है। ©AMEETH"

 कश्ती हर कश्ती को तूफ़ान से टकराना होता है 
कभी डूबना कभी तैर जाना होता है 
हर कोई किनारे पर आता नहीं 
जो बिछड़ गया वह बेगाना होता है।

©AMEETH

कश्ती हर कश्ती को तूफ़ान से टकराना होता है कभी डूबना कभी तैर जाना होता है हर कोई किनारे पर आता नहीं जो बिछड़ गया वह बेगाना होता है। ©AMEETH

kashti

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