आरज़ू बड़ी है,कि हमारा भी कहीं ठिकाना हो। अपनी मर्ज

"आरज़ू बड़ी है,कि हमारा भी कहीं ठिकाना हो। अपनी मर्जी का हुकुमाना हो। और गर मिल जाए साथ तेरा तो क्या ?सारा जहाँ हमारा हो।"

 आरज़ू बड़ी है,कि हमारा भी कहीं ठिकाना हो।
अपनी मर्जी  का हुकुमाना हो।
और गर मिल जाए साथ तेरा तो 
क्या ?सारा जहाँ हमारा हो।

आरज़ू बड़ी है,कि हमारा भी कहीं ठिकाना हो। अपनी मर्जी का हुकुमाना हो। और गर मिल जाए साथ तेरा तो क्या ?सारा जहाँ हमारा हो।

#आरज़ू ठिकाना।

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