मेहनत के पसीने से पैराहन को भिगोने वाले उसका दर्द | हिंदी Shayari
"मेहनत के पसीने से पैराहन को भिगोने वाले
उसका दर्द क्या समझेंगे दौलत को विरासत में पाने वाले
कुछ अपनों का ही हाथ था उसका हौसला तोड़ने में
वरना ऐसे थोड़ी ना टूटते हैं होठों पर मुस्कुराहट सजाने वाले"
मेहनत के पसीने से पैराहन को भिगोने वाले
उसका दर्द क्या समझेंगे दौलत को विरासत में पाने वाले
कुछ अपनों का ही हाथ था उसका हौसला तोड़ने में
वरना ऐसे थोड़ी ना टूटते हैं होठों पर मुस्कुराहट सजाने वाले