दोस्त दिल से बनाइये
कुछ अपनी कहिए
कुछ उसकी कर जाइए
तुम्हारी रुह से जुड़ा हुआ होता हैं वो
तुम्हारे हर खुशी ग़म में शामिल होता है वो
बेमतलब ही ना हक जताइये
दोस्त दिल से बनाइये
कुछ अपनी कहिए
कुछ उसकी कर जाइए
जानते हो भले ही उसका हर राज़
बारिश की बूंदों सा छलकता उसका प्यार
सुदामा कृष्ण सी दोस्ती निभाइये
दोस्त दिल से बनाइये
कुछ अपनी कहिए
कुछ उसकी कर जाइए
कभी माफ़ कर दीजिए उसके गुनाह
कभी बिन बात खुद बनिए बादशाह
कुछ ऐसी रस्मों को चलाइये
दोस्त दिल से बनाइये
कुछ अपनी कहिए
कुछ उसकी कर जाइए (एकता कोचर रेलन)
©Ekta Kochar Relan
#Dosti