मेरी उलझन से मेरे साथ गुज़रने वाला,
कोई तो होगा मेरी बात समझने वाला।
नाम लिख जाते हैं खंडहरात की दीवार पे सब,
लौट कर आता कहाँ है कोई जाने वाला।
आईने, तेरी तो सखियां हैं वो औरतें, ये बता,
किसको ख्वाबों में संजोए है संवरने वाला।
अबके आए जो कोई अब्र तो बस ऐसा ख्याल,
मेरी आंखों की तरह रोज़ बरसने वाला।
©Sameer Kaul 'Sagar'