मेरी प्यारी किस्मत माहिया छंद न समझ ऐसी वैसी। र | हिंदी विचार

"मेरी प्यारी किस्मत माहिया छंद न समझ ऐसी वैसी। रख न भरम कोई, सब एक नहीं जैसी।"

 मेरी प्यारी किस्मत 

माहिया छंद

न समझ ऐसी वैसी।
रख न भरम कोई,
सब एक नहीं जैसी।

मेरी प्यारी किस्मत माहिया छंद न समझ ऐसी वैसी। रख न भरम कोई, सब एक नहीं जैसी।

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