यादें! अच्छी , कुछ बुरी , कुछ बहुत बुरी होतीं हैं | हिंदी Shayari
"यादें! अच्छी , कुछ बुरी , कुछ बहुत बुरी होतीं हैं ।
कमबख्त ये कभी पीछा क्यो नहीं छोड़ती हैं ?
कोई बताये,कैसे मिले इन यादों से छुटकारा ,
देती थी खुशी कभी पर अब काटने को दौड़ती हैं ।"
यादें! अच्छी , कुछ बुरी , कुछ बहुत बुरी होतीं हैं ।
कमबख्त ये कभी पीछा क्यो नहीं छोड़ती हैं ?
कोई बताये,कैसे मिले इन यादों से छुटकारा ,
देती थी खुशी कभी पर अब काटने को दौड़ती हैं ।