हाथों से फिसलती हुई जवानी देखी है मोहब्बत की अधूरी | हिंदी शायरी

"हाथों से फिसलती हुई जवानी देखी है मोहब्बत की अधूरी कहानी देखी है घर से भागो तो संभाल कर भागना रांझो हमने कटघरे में बदलती हुई हीर देखी है ©Dharm Chand Paliwal"

 हाथों से फिसलती हुई जवानी देखी है मोहब्बत की अधूरी कहानी देखी है 
घर से भागो तो संभाल कर भागना रांझो 
हमने कटघरे में बदलती हुई हीर  देखी है

©Dharm Chand Paliwal

हाथों से फिसलती हुई जवानी देखी है मोहब्बत की अधूरी कहानी देखी है घर से भागो तो संभाल कर भागना रांझो हमने कटघरे में बदलती हुई हीर देखी है ©Dharm Chand Paliwal

#againstthetide

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