तिनका-तिनका जोड आसमान ,
खडी कर दी मैने अपने वजूद की
बिखर गये कुछ मोती जब इस शमशान मे ,
ईमारत खडी है काचं की विराने जज्बात की
सुनी पडी जब वो गलिया मेरे इन्तजार की ,
मै आया न मेरा कोई खत आया
वक्त बित्ता चला गया ,हुसन तबाह हो गया आग मे
बच गयी कुछ अस्थीया , मेरे गुरुर की ||
आपका " प्रेम "
MP 50 BALAGHAT ❤️वाले
(शहजादे उकवा की गलियो के )
©PREM LOVE GURU PREM KOUSHIK
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