राह-ए-हक़ पे चल तु , अज़मत की बात कर,, ए क़ौम-ए-हि | हिंदी कविता Video

"राह-ए-हक़ पे चल तु , अज़मत की बात कर,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर,, मिटा कर नफरत को संसार मे मोहब्बत क़ाएम कर,, नूर-ए-हक़ फैला कर फ़ज़ाओं में चाहत की बात कर,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! सरहद-ए-मौत पर खड़े थे दिवार बनकर चमन के वास्ते वतन वाले,,, ललकार से जिनकी फ़ज़ाएँ थी गूँज उठी उनके हिम्मत की बात कर,,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! वतन परस्तों ने वतन को दिल-ए-अज़ीज़ जान कर,, आज़ादी की खातिर जान दी है उनके शहादत की बात कर,,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! तोड़ कर बंदिशें जात-पात की 'साबिर' खुद को अब आज़ाद कर,, लूट चुकी बहुत आबरूऐं वतन की अब हिफाज़त की बात कर,,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! -साबिर बख़्शी ©बख़्शी डायरी "

राह-ए-हक़ पे चल तु , अज़मत की बात कर,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर,, मिटा कर नफरत को संसार मे मोहब्बत क़ाएम कर,, नूर-ए-हक़ फैला कर फ़ज़ाओं में चाहत की बात कर,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! सरहद-ए-मौत पर खड़े थे दिवार बनकर चमन के वास्ते वतन वाले,,, ललकार से जिनकी फ़ज़ाएँ थी गूँज उठी उनके हिम्मत की बात कर,,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! वतन परस्तों ने वतन को दिल-ए-अज़ीज़ जान कर,, आज़ादी की खातिर जान दी है उनके शहादत की बात कर,,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! तोड़ कर बंदिशें जात-पात की 'साबिर' खुद को अब आज़ाद कर,, लूट चुकी बहुत आबरूऐं वतन की अब हिफाज़त की बात कर,,, ए क़ौम-ए-हिन्द मेरे भारत की बात कर..!! -साबिर बख़्शी ©बख़्शी डायरी

#IndependenceDay 2023

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