*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,*
*ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!*
*"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....*
*पहले मुड़ कर देखते थे ....*
*अब देख कर मुड़ जाते हैं*
*आज परछाई से पूछ ही लिया*
*क्यों चलती हो , मेरे साथ*
*उसने भी हँसके कहा-*
*दूसरा कौन है तेरे साथ*
©अंशुल गुरु
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