नटवर नंद किशोर कृष्ण की,
एक भक्त हरि के चित्त की चोर।
स्वप्न में भी दर्शन की प्यासी,,
इतने तनिक प्रभु बने कठोर।।
संत परंपरा की सयानी मीरा,
दर्द की दीवानी हुई।
कान्हा के स्वरूप की बाट जोह,,
दिया बाती की बनी है रूई।।
कृष्ण वंदना के कठिन तप में,
भक्ति की ना छोड़ी डोर।
नटवर नंद किशोर कृष्ण की,,
एक भक्त हरि के चित्त की चोर।।
©Satish Kumar Meena
#मीरा