White काश हम कभी ना मिले होते काश हमारी मन्नतों | English Poetry

"White काश हम कभी ना मिले होते काश हमारी मन्नतों में आपका नाम कभी ना आया होता। काश आपके बेनक़ाब होने से पहले हम ख़ुद को संभाल लेते काश हम कभी ना मिले होते। मोहब्बत की कश्ती में आपका नाम ना होता। चेहरे की ये मुस्कान कभी दर्द बयां ना करती। बहुत कोशिशों के बाद संभाला था ख़ुद को तोड़कर इस दिल को पत्थर बनाया था हमने। आपके आ जाने से ये रूह फिर से खिलने लगी थी। पर क्या पता था इस दिल को कि कहानी फिर वही होगी। फिर लिखी जाएगी दर्द की एक और दास्तान। फिर टूट कर संभलना होगा इस कम्बख़्त को। फिर तोड़कर बिखरेंगी नाज़ुक सी ख्वाहिशों की तिजोरियां। फिर दर्द में भी हमें मुस्कुराना होगा। काश हम कभी ना मिले होते, तो मेरा दिल मेरा होता। ये सपनों का आशियां भी अपने हुस्न में मग्न होता। काश हम कभी ना मिले होते। ©Priti priyam b.kashyap"

 White  काश हम कभी ना मिले होते  
काश हमारी मन्नतों में  
आपका नाम कभी ना आया होता।  

काश आपके बेनक़ाब होने से पहले  
हम ख़ुद को संभाल लेते
काश हम कभी ना मिले होते।  

मोहब्बत की कश्ती में  
आपका नाम ना होता।  
चेहरे की ये मुस्कान  
कभी दर्द बयां ना करती।  

बहुत कोशिशों के बाद  
संभाला था ख़ुद को
तोड़कर इस दिल को  
पत्थर बनाया था हमने।  

आपके आ जाने से ये रूह  
फिर से खिलने लगी थी।  
पर क्या पता था इस दिल को  
कि कहानी फिर वही होगी।  

फिर लिखी जाएगी
दर्द की एक और दास्तान।  
फिर टूट कर संभलना होगा  
इस कम्बख़्त को।  

फिर तोड़कर बिखरेंगी  
नाज़ुक सी ख्वाहिशों की तिजोरियां।  
फिर दर्द में भी हमें  
मुस्कुराना होगा।  

काश हम कभी ना मिले होते,  
तो मेरा दिल मेरा होता।  
ये सपनों का आशियां भी  
अपने हुस्न में मग्न होता।  

काश हम कभी ना मिले होते।

©Priti priyam b.kashyap

White काश हम कभी ना मिले होते काश हमारी मन्नतों में आपका नाम कभी ना आया होता। काश आपके बेनक़ाब होने से पहले हम ख़ुद को संभाल लेते काश हम कभी ना मिले होते। मोहब्बत की कश्ती में आपका नाम ना होता। चेहरे की ये मुस्कान कभी दर्द बयां ना करती। बहुत कोशिशों के बाद संभाला था ख़ुद को तोड़कर इस दिल को पत्थर बनाया था हमने। आपके आ जाने से ये रूह फिर से खिलने लगी थी। पर क्या पता था इस दिल को कि कहानी फिर वही होगी। फिर लिखी जाएगी दर्द की एक और दास्तान। फिर टूट कर संभलना होगा इस कम्बख़्त को। फिर तोड़कर बिखरेंगी नाज़ुक सी ख्वाहिशों की तिजोरियां। फिर दर्द में भी हमें मुस्कुराना होगा। काश हम कभी ना मिले होते, तो मेरा दिल मेरा होता। ये सपनों का आशियां भी अपने हुस्न में मग्न होता। काश हम कभी ना मिले होते। ©Priti priyam b.kashyap

#sad_qoute

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