हुई दास्तां आज एक शुरू,
दो दिल पर चढ़ा एक जुनून,
बदली हवाएं, बदली फिजाएं,
नए मौसम की नई अदाएं।।
दिल दे रहा सांसों पर पहरा,
जैसे सितारों का आसमां पर सहरा,
गुज़र रहा वक्त, यादों में ठहरा,
बदल रहा दर्द, हुआ और गहरा।।
छूटी दोर, तूटे सारे वादे,
डूबी शाम, बच गई रातें,
कोई कहता उसे फरेब था,
सब झूठा, सिर्फ खेल था।।
भले ही मचलती लहरों को किनारा ना मिला,
बिछड़े थे दो तन, पर दिल आज भी एक था।।
Dil aaj bhi ek tha..
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Thank you!!