तड़प इधर भी है और उधर भी, आग बराबर है दोनो ओर। एक | हिंदी Poetry Video

"तड़प इधर भी है और उधर भी, आग बराबर है दोनो ओर। एक तरफ है कुआ तो दूजी ओर खाई। डूब कर जाना है या तर जाना है, किसे पता है क्या मौड़ लेने वाला है, ये जीवन भी उलझा है ऐसे जालों में। ©Heer "

तड़प इधर भी है और उधर भी, आग बराबर है दोनो ओर। एक तरफ है कुआ तो दूजी ओर खाई। डूब कर जाना है या तर जाना है, किसे पता है क्या मौड़ लेने वाला है, ये जीवन भी उलझा है ऐसे जालों में। ©Heer

#उलझन poetry in hindi

People who shared love close

More like this

Trending Topic