#OpenPoetry ईश्वर लिखू या अल्लाह लिखू जमीं लिखू या | हिंदी विचार
"#OpenPoetry ईश्वर लिखू
या अल्लाह लिखू
जमीं लिखू
या आसमां लिखू
ममता लिखू
या करुणा लिखू
विश्व लिखू
या अन्तरिक्ष लिखू
नदी लिखू
या सागर लिखू
रहेगी तू फिर भी "अपरिभाषित"
*माँ *
चाहे जितना लिखू।"
#OpenPoetry ईश्वर लिखू
या अल्लाह लिखू
जमीं लिखू
या आसमां लिखू
ममता लिखू
या करुणा लिखू
विश्व लिखू
या अन्तरिक्ष लिखू
नदी लिखू
या सागर लिखू
रहेगी तू फिर भी "अपरिभाषित"
*माँ *
चाहे जितना लिखू।