तुम घर आईं “अपने जूते उतारे और कुर्सी पर बैठ” एक ग | हिंदी

"तुम घर आईं “अपने जूते उतारे और कुर्सी पर बैठ” एक गहरी सांस लेते हुए कहा- आज बहुत काम था दफ्तर में “थक गई”! मैं अंदर जाकर 2 कप चाय बना लाया! हमने धीरे धीरे फिर एक दूजे की थकान को पिया आदमी में इतनी औरत और औरत में इतना आदमी बचा रहना चाहिए। ©SamEeR “Sam" KhAn"

 तुम घर आईं
“अपने जूते उतारे और कुर्सी पर बैठ”
एक गहरी सांस लेते हुए कहा-
आज बहुत काम था दफ्तर में “थक गई”!
मैं अंदर जाकर 2 कप चाय बना लाया!
हमने धीरे धीरे फिर
एक दूजे की थकान को पिया
आदमी में इतनी औरत और औरत में इतना आदमी
बचा रहना चाहिए।

©SamEeR “Sam" KhAn

तुम घर आईं “अपने जूते उतारे और कुर्सी पर बैठ” एक गहरी सांस लेते हुए कहा- आज बहुत काम था दफ्तर में “थक गई”! मैं अंदर जाकर 2 कप चाय बना लाया! हमने धीरे धीरे फिर एक दूजे की थकान को पिया आदमी में इतनी औरत और औरत में इतना आदमी बचा रहना चाहिए। ©SamEeR “Sam" KhAn

#आदमी

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