रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:
जो शख़्स कोई बुराई देखे तो चाहीए की इस बुराई को अपने
हाथ से रोक दे, जिसे इतनी ताक़त ना हो वो अपनी ज़बान से
उसे रोक दे और जिसे इस की ताक़त भी ना हो वो अपने
दिल में उसे बुरा जाने और ये ईमान का सबसे कमतर दर्जा
है।
Jamia Tirmidhi: 2172
©ASHRAF QADEER