Jai shree ram वो जन्म नही उस युग का सौभाग्य था
जहां महान महान लोगों के बीच
प्रभु श्री राम का हुआ अवतार था
ना कोई अहम, ना ही कोई अहंकार का अभाव था
मन मे मर्यादा, चेहरे पे मुस्कान, हृदय में प्यार का वास था
तभी तो सबरी का झूठा बेर खाया था
धर्म, ज्ञान, सम्मान, न्याय सब इनके तो ही रूप थे
तभी तो साथी सुग्रीव के खातिर
बाली को मार गिराया था
धर्म की खातिर योग्य पुरुष को लंका का लंकेश बनाया था
शक्ति और ऊर्जा का भाव ऐसा की
समुद्र में भी पत्थर को पार करवाया था
जिनके नाम मे ही संपूर्ण ब्रह्मांड वासित है
वो राम तेरे हैं, वही राम मेरे हैं
जय श्री राम ⭐
©Rudra Pratap Pandey
#JaiShreeRam