"दवा भी तू है और दर्द भी तू
दिल का मेरे दर्द भी तू है हमदर्द भी तू
तेरे बिना भी हूँ पर नही भी हूँ
तुझ से कहकर या सुनकर सही
मैं तेरा हाल ही हूँ
जुदा भी हूँ संग भी हूँ
पानी में घुला जैसे रंग ही हूँ
समेट ले कोई जैसे अपनी हस्ती
उस तरह से तुझमे शामिल भी हूँ
©Porshia Chawla Ban"