मालूम है तुम्हें वो दुआ सा है
वो थोड़ा थोड़ा उस ख़ुदा सा है
जैसे गुम हो किसी के सजदे में
उसका इश्क़ ऐसी दीवानगी सा है
वो मरहम है मेरे रिसते हर ज़ख्म का
वो मेरे खुशनूमा दर्द की दवा सा है
वो पाक़ है वो साफ़ है वो बंदगी है
वो ऐसी मोहब्बत की सादगी सा है
इस कायनात में जिस्मों के बाज़ार में 'नीत '
वो मिला मुझे ज़रा रूहानी सा है ....
Rupa (नीति ❤️)✍️
©rupa niti
#roshni